डेस्क। नवरात्री में वैसे तो सभी दिन पूजनीय है। हर दिन का अपना अलग अलग महत्व है। हर दिन देवी माँ के अलग स्वरूप की पूजा होती है। जो हर प्रकार के सुख देने वाली है। नव दुर्गा के नाम-शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चन्द्रघंटा,कूष्माण्डा,स्कंदमाता,कात्यायनी,कालरात्रि,महागौरी,सिद्धिदात्री है।
इन सभी नव देवियो में महागौरी जो आठवे दिन की देवी है। वे इस घोर कलिकाल में महादेव के साथ विराजमान होती है। इस देवी का स्वरूप का अर्थ है की भयानक से भयानक स्थिति में भी वे शांति चित रहने का बल प्रदान करने में दक्ष रहती है। और गणेश की माँ भी होने के कारण कष्टो का हरण भी करती है।
देवी का यही रूप सर्व पूज्य भी गणेश जी के साथ बना कोई भी कार्य अनुष्ठान आदि हो तो माँ गौरी गणेश के पूजन विधान सबसे पहले आता है। माँ दुर्गा का ये आठवां अवतार होने के कारण इनकी तिथि अष्टमी रही गई है। 17 तारीख दिन बुधवार को अष्टमी का यह योग धन,बुद्धि,विवेक को भरने वाली अनपूर्णा के रूप में जानी जाती है।
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